Monday, January 28, 2013

तो चले आना

तुम तक जो पहुँच जाये मेरी आवाज
तो चले आना ,
सदायें मेरी छेड़ दे तेरे दिल का साज़
तो चले आना ,

दिल धड़कता है तेरे इंतज़ार में आज भी
खुल जाए तेरे आगे मेरा  ये राज़
 तो चले आना ,

बेतकल्लुफ थी हर मुलाकात अपनी
महसूस हो वही बेबाक अंदाज़
तो चले आना,

सिसक उठती है रग -रग तेरी याद में
तुझ पर भी गिरे मेरी यादों की गाज़
तो चले आना,

दर्द का तराना है ये गीत मेरा
तेरे होठों पे भी जो आ जाएँ मेरे अलफ़ाज़
तो चले आना।

Tuesday, January 22, 2013

एक बार फिर ....

तुझसे कुछ बातें करना चाहता हूँ
कभी तुझसे मिलना चाहता हूँ
मगर फिर यूँ ही सोंचता हूँ
"टूटे शीशों को जोड़ने से
तस्वीर न बदलेगी ,
मैं बदनसीब हूँ
मेरी तकदीर न बदलेगी ,
थोडा सा जो बाकी है कहीं
वो पूरा टूट न जाए ,
हाथों में जो बाकी छोटी सी
वो डोर छूट न जाये ,
कहीं ऐसा न हो जो रह गया बाकी
वो एहसास भी मिट जाए ......."

यही सोंचकर बढ़ते कदम
रुक से जाते हैं .......

भटक जाता हूँ हर मोड़ पर 
अजनबी सी हैं ये गलियाँ 
इक तो लीक नयी मेरी 
उसपर अन्जान  शहर तेरा