Friday, March 8, 2013

मैं कौन

इक दिन अपने ही अक्स से 
आईने के उस शख्स से
सवाल किया जो मैंने
जवाब मिला बस मौन ....
मैं कौन ?....मैं कौन ?.. मैं कौन ?...


अधूरे ख्वाबों के इक कोने में
मेरे हर इक होने - ना होने में
हर पल-छिन कुछ पाने कुछ खोने में
सवाल वही ,जवाब फिर मौन .....
मैं कौन ?....मैं कौन ?.. मैं कौन ?...

अँधेरी उन्जयारी राहों में
धूप छाव की बाहों में
थकते दुखते पाँव के छालो में
सवाल वही ,जवाब फिर मौन .....
मैं कौन ?....मैं कौन ?.. मैं कौन ?...

रगों में उबलते खून में
सीने में उठते जूनून में
पल-पल बदलती धड़कन की ताल में ,
सवाल वही ,जवाब फिर मौन .....
मैं कौन ?....मैं कौन ?.. मैं कौन ?...

अंतर्मन की परतों में
अँधेरी इन गर्तों में
खुरच-खुरच निकले उजालों में
सवाल वही ,जवाब फिर मौन .....
मैं कौन ?....मैं कौन ?.. मैं कौन ?...

अधूरे ख्वाब

जो कुछ अधूरे ख्वाब हैं मेरे
वो ही तो मेरे मीत हैं ,
मन का उत्साह वही हैं
वही जीवन का गीत हैं .

जो ख्वाब अधूरे मेरे,
मुझको समझाते हैं
आगे और रास्ता है बाकी
चलो और कुछ दूर तक जाते हैं

जो कुछ अधूरे ख्वाब हैं मेरे
मुझको यूँ आबाद करते हैं
मेरी निगाहों के दायरे से
मुझे आज़ाद करते हैं

जो कुछ अधूरे ख्वाब हैं मेरे
साथ मेरे चलते जाते हैं
देकर इक टीस सी मन में
अधूरे होने का एहसास दिलाते हैं

जो कुछ अधूरे ख्वाब हैं मेरे
कहते हैं रुकना नहीं है तुझे
की अभी हम पूरे नहीं हुए
यही ख्वाब मुझे पूरा करते हैं
क्या हुआ जो ये खुद अधूरे हुए .

ऐ खुदा कुछ ख्वाब
अधूरे ही रहने दो
पूरे जो हुए तो ये मर जायेंगे
मेरी आँखों को तनहा कर जायेंगे .

Thursday, March 7, 2013

यूँ शामिल गुनहगारों में मेरा नाम हो गया
कि बेगुनाही मेरी मेरा इलज़ाम हो गया ,
जिस बात का मेरी कायल था जमाना सारा
आज नामुमकिन वही एक काम हो गया .