Wednesday, May 15, 2013

कल्पवास ख़त्म हुआ

कल्पवास अब ख़त्म हुआ
चल आगे , आगे चलना है
जोगी बन बढ़ता जा प्यारे
सूरज सा उगना- ढलना है

कल्पवास अब ख़त्म हुआ
चल आगे , आगे चलना है

रुकना चाहेगा ये लाख मगर
पागल मन को इतना समझा देना
ठहरा जो पानी सड़ जायेगा
तुझको तो निर्मल गंगा सा बहना है

कल्पवास अब ख़त्म हुआ
चल आगे , आगे चलना है

छूट रहा जो पीछे तेरा
स्मृतियाँ हैं भविष्य नहीं
पाँव पकड़ न रोके यादें
दृढ़ निश्चय ऐसा करना है

कल्पवास अब ख़त्म हुआ
चल आगे , आगे चलना है

जो समय गुजर तूने यहाँ पे
उससे बड़ी कोई बात नहीं
शायद ही कोई लम्हा ऐसा हो
जिससे जुडी तेरी याद नहीं
बाँध के इन सब यादों की गठरी
निश्चय पथ पर फिर बढ़ना है

कल्पवास अब ख़त्म हुआ
चल आगे , आगे चलना है


गुरु मंत्र मिला है जो भी तुझको
देखो उसको भूल न जाना
मशाल मिली है जो हाथों में
जग रौशन उससे करना है
 कल्पवास अब ख़त्म हुआ
चल आगे , आगे चलना है


जोगी बन बढ़ता जा प्यारे
सूरज सा उगना- ढलना है

कल्पवास अब ख़त्म हुआ
चल आगे , आगे चलना है






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