ये जो प्यार है
जो ये प्रेम व्यवहार है
निकटता ये, घनिष्ठता ये
सहर्ष स्वीकार है
पर ये जो दूरी है
जो ये मज़बूरी है
स्वर्णिम भविष्य की कोशिश में
ये भी बहुत ज़रूरी है
युवा मन, ह्रदय में जोश भी है
एकांत से व्यथित आगोश भी है
पर सानिध्य ही सरोकार तो नहीं
विरह में पास होने का संतोष भी है
जो ये प्रेम व्यवहार है
निकटता ये, घनिष्ठता ये
सहर्ष स्वीकार है
पर ये जो दूरी है
जो ये मज़बूरी है
स्वर्णिम भविष्य की कोशिश में
ये भी बहुत ज़रूरी है
युवा मन, ह्रदय में जोश भी है
एकांत से व्यथित आगोश भी है
पर सानिध्य ही सरोकार तो नहीं
विरह में पास होने का संतोष भी है